केकरा , केकरा करीं हम सलाम बबुवा ...
लाल रंग लागेला हराम बबुवा ..
लाल बत्ती वाला आवे...कई गो सिपाही लेके..
बाबू लोग ,कोर्ट ,कचहरी के कागजे देखावेला ..
सलामी नाही मरला पर ,बांध के खिच्वावेला..
पेटवा में दाना नाही, कहाँ से दीं उनकर लगान बबुवा ..
केकरा, केकरा करीं हम सलाम बबुवा .....
तोहरो लोगवा ,घरवा में सीधे ढूक जाला,,
अनाज, पानी, इज्जत लूट के ले जाला ,
रोज रैली , रोज धरना, केने ,केने जाईं ..
लाल झंडा ढोवत, ढोवत मन फाट जाला ...
खेती बारी के करी..बोई के अनाज बबुवा ..
केकरा ,केकरा करीं हम सलाम बबुवा ..
तूं आके गोली मार ,सरकारी आदमी बोल के,
उ आवें डंडा मारें , माओ नक्सल बोल के ..
हमरो देह से लाल निकले, गाँव भर लाल होखे ,
फूल , पेड़ के लाल रंग...सड़क चौराहा फैले.
टेसू , लाल देख के कल नाचे के मन करे ..
आज लाल रंग लागेला हराम बबुवा
केकरा ,केकरा करीं हम सलाम बबुवा by ravi pratap shahi for www.jai bhojpuri.com
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
Thursday, June 3, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment