aa
पसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .
चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तोह चाँद की चाहत किसे होती.
कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,
तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.
कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना,
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,
जब दिल उब जाए हमसे तोह बता देना,
न बताकर बेवफाई मत करना.
दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जता है
अस्मा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता है
दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,
अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जता है.
दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.
दोस्ती पर्वत है वोह, जोह झुकता नही,
इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,
यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . .
सची है दोस्ती आजमा के देखो..
करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,
बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,
चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो हम यूं ही नही कर बैठे,
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .
चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तोह चाँद की चाहत किसे होती.
कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,
तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.
कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना,
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,
जब दिल उब जाए हमसे तोह बता देना,
न बताकर बेवफाई मत करना.
दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जता है
अस्मा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता है
दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,
अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जता है.
दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.
दोस्ती पर्वत है वोह, जोह झुकता नही,
इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,
यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . .
सची है दोस्ती आजमा के देखो..
करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,
बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,
चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
Thursday, January 28, 2010
Wednesday, January 27, 2010
shayeri 27 jan बहते अश्को की ज़ुबान नही होती,
बहते अश्को की ज़ुबान नही होती,
लफ़्ज़ों मे मोहब्बत बयां नही होती,
मिले जो प्यार तो कदर करना,
किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नही होती.
अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना ,
हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।
उड़ना हवा में खुल कर लेकिन ,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना ।
छाव में माना सुकून मिलता है बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना ।
उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं ,
यादों में हर किसी को जिन्दा रखना ।
वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना ।
रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।
तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का याद पता रखना ।
हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना ।
मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं ,
हर किसी से रिश्ता बना कर रखना
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
लफ़्ज़ों मे मोहब्बत बयां नही होती,
मिले जो प्यार तो कदर करना,
किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नही होती.
अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना ,
हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।
उड़ना हवा में खुल कर लेकिन ,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना ।
छाव में माना सुकून मिलता है बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना ।
उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं ,
यादों में हर किसी को जिन्दा रखना ।
वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना ।
रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।
तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का याद पता रखना ।
हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना ।
मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं ,
हर किसी से रिश्ता बना कर रखना
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
Labels:
shayeri
shayeri 27 jan
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
मेरे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मी हमने,
अभी तो सारा आसमां बाकी है
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती,
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना, ना अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत, बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है ,
जा जा कर खाली हाथ .. लौट आता है
मिलते ना सहज ही मोती पानी में,
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है .. स्वीकार करो ,
क्या कमी रह गई ... देखो ... और सुधार करो
जब तक ना सफल हो ... नींद चैन की त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान .. छोड़ न भागो तुम
कुछ किए बिना ही .. जय-जय कार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
मेरे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मी हमने,
अभी तो सारा आसमां बाकी है
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती,
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना, ना अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत, बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है ,
जा जा कर खाली हाथ .. लौट आता है
मिलते ना सहज ही मोती पानी में,
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है .. स्वीकार करो ,
क्या कमी रह गई ... देखो ... और सुधार करो
जब तक ना सफल हो ... नींद चैन की त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान .. छोड़ न भागो तुम
कुछ किए बिना ही .. जय-जय कार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
Labels:
shayeri
shayer
अपने ही ख्वाबों मे ग़ुम हो जाने का, डर लगता है, हर नयी धूप के खिलते ही, उसके ढल जाने का, डर लगता है, मैने कदमों के निशां से बनाए थे जो रास्ते, अब उन्ही रास्तों के अजनबी हो जाने का, डर लगता है, सिना-ए-बर्फ भी पिघल जाती थी, हमारे जिस जुनूं को देखकर, अब उसी आग मे जल जाने का, डर लगता है, हमारी ज़िंदगी और दर्द का, रिश्ता कुछ यूँ रहा, की अब खुशियों के करीब आने का, डर लगता है, अपने ही ख्वाबो मे ग़ुम हो जाने का, डर लगता है...........
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
Labels:
shayri
Friday, January 22, 2010
न्यू
मेरीमासूम मोहब्बत का बस इतना फ़साना है
काग़ज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है
क्या शर्ते मोहब्बत है क्या शर्ते फ़साना है
आवाज़ भी ज़ख़्मी है गीत भी गाना है
क्यों न हो इंसानियत हैरान मेरे देश में
घूमते हैं शान से शैतान मेरे देश में
रोशनी की खो रही पहचान मेरे देश में
और अंधेरों की बड़ी है शान मेरे देश में
जिस तरफ़ देखो तबाही,खून का माहौल है
खो गई क्यों प्यार की पहचान मेरे देश में
इस क़दर नैतिक पतन होगा किसे मालूम था
आदमी हो जाएगा हैवान मेरे देश में
गुमशुदा हैं पासबां इंसानियत के आजकल
बढ़ रही है क़ातिलों की शान मेरे देश में
पतझडों की आंधियाँ हर वक़्त चलती हैं यहाँ
बाग़ सब होने लगे वीरान मेरे देश में
उस पार उतारने की उम्मीद बहुत कम है
कश्ती भी पुरानी है तूफ़ान को भी आना है
समझे या ना समझे वोह अंदाज़े मोहब्बत के,
एक शक्स को आँखों से हाल-ए-दिल सुनना है
मासूम मोहब्बत का बस इतना ही फ़साना है
एक आग का दरिया है और डूब कर जाना
**************************
chupake se kahin, dheeme paanv se
jaane kis taraf, kis ghadi
aage badh gaye hamse raahon mein
par tum toh abhi the yahin
kuchh bhi na suna, kab ka tha gila
kaise keh diya alvida
jinake darmiya gujri thi abhi
kal tak yeh meri zindagi
dono baahon ko, thandi chaanv ko
hum bhi kar chale alvida
alvida, alvida, meri raahein alvida
meri saansein kehati hai, alvida
alvida, alvida, abb kehna aur kya
jab tune keh diya, alvida
sunle bekhabar, yuun aankhein pher kar aaj tu chali ja
dhundegi nazar humko hi magar har jagah
aisi raaton mein leke karvate, yaad hamein karna
aur phir haar kar kehna kyun magar, keh diya alvida alvida
koi puchhe toh zara, kya socha aur kaha alvida
alvida, alvida, abb kehna aur kya
jab tune keh diya, alvida
??? dil chale, phir bhi dil kahe
kaash mere sang aaj hote tum agar, hoti har dagar gulsita
tumse hai khafa, hum naaraaz hai, dil hai pareshaan
socha na suna tune kyun bhala keh diya alvida alvida
koi puchhe toh zara, kya socha aur kaha alvida
alvida, alvida, abb kehna aur kya
jab tune keh diya, alvida
kyun socha aur kahan alvida
dono baahon ko, thandi chaanv ko
hum bhi kar chale alvida
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
काग़ज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है
क्या शर्ते मोहब्बत है क्या शर्ते फ़साना है
आवाज़ भी ज़ख़्मी है गीत भी गाना है
क्यों न हो इंसानियत हैरान मेरे देश में
घूमते हैं शान से शैतान मेरे देश में
रोशनी की खो रही पहचान मेरे देश में
और अंधेरों की बड़ी है शान मेरे देश में
जिस तरफ़ देखो तबाही,खून का माहौल है
खो गई क्यों प्यार की पहचान मेरे देश में
इस क़दर नैतिक पतन होगा किसे मालूम था
आदमी हो जाएगा हैवान मेरे देश में
गुमशुदा हैं पासबां इंसानियत के आजकल
बढ़ रही है क़ातिलों की शान मेरे देश में
पतझडों की आंधियाँ हर वक़्त चलती हैं यहाँ
बाग़ सब होने लगे वीरान मेरे देश में
उस पार उतारने की उम्मीद बहुत कम है
कश्ती भी पुरानी है तूफ़ान को भी आना है
समझे या ना समझे वोह अंदाज़े मोहब्बत के,
एक शक्स को आँखों से हाल-ए-दिल सुनना है
मासूम मोहब्बत का बस इतना ही फ़साना है
एक आग का दरिया है और डूब कर जाना
**************************
chupake se kahin, dheeme paanv se
jaane kis taraf, kis ghadi
aage badh gaye hamse raahon mein
par tum toh abhi the yahin
kuchh bhi na suna, kab ka tha gila
kaise keh diya alvida
jinake darmiya gujri thi abhi
kal tak yeh meri zindagi
dono baahon ko, thandi chaanv ko
hum bhi kar chale alvida
alvida, alvida, meri raahein alvida
meri saansein kehati hai, alvida
alvida, alvida, abb kehna aur kya
jab tune keh diya, alvida
sunle bekhabar, yuun aankhein pher kar aaj tu chali ja
dhundegi nazar humko hi magar har jagah
aisi raaton mein leke karvate, yaad hamein karna
aur phir haar kar kehna kyun magar, keh diya alvida alvida
koi puchhe toh zara, kya socha aur kaha alvida
alvida, alvida, abb kehna aur kya
jab tune keh diya, alvida
??? dil chale, phir bhi dil kahe
kaash mere sang aaj hote tum agar, hoti har dagar gulsita
tumse hai khafa, hum naaraaz hai, dil hai pareshaan
socha na suna tune kyun bhala keh diya alvida alvida
koi puchhe toh zara, kya socha aur kaha alvida
alvida, alvida, abb kehna aur kya
jab tune keh diya, alvida
kyun socha aur kahan alvida
dono baahon ko, thandi chaanv ko
hum bhi kar chale alvida
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
Wednesday, January 20, 2010
भैस chalisha
भैंस चालीसा
महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा
केस
फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस
अक्ल बङी या भैंस, दलीलें
बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी-
भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध
निकारा
कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे
अक्ल घास जब
चरने जाये- हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा लालू खायो- निज घरवारि
सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ- बीवी को सी.एम. बनवाओ
मोटी
अकल मन्दमति होई- मोटी भैंस दूध अति होई
अकल इश्क़ कर कर के रोये- भैंस
का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल घूमे- एस.एम.एस. पा पा के
झूमे
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे- कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
भैंस कभी
सिगरेट ना पीती- भैंस बिना दारू के जीती
भैंस कभी ना पान चबाये - ना ही
इसको ड्रग्स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी- भैंस हमारी कितनी प्यारी
अकलमन्द
को कोई ना जाने- भैंस को सारा जग पहचाने
जाकी अकल मे गोबर होये- सो
इन्सान पटक सर रोये
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा
केस
फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस
अक्ल बङी या भैंस, दलीलें
बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी-
भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध
निकारा
कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे
अक्ल घास जब
चरने जाये- हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा लालू खायो- निज घरवारि
सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ- बीवी को सी.एम. बनवाओ
मोटी
अकल मन्दमति होई- मोटी भैंस दूध अति होई
अकल इश्क़ कर कर के रोये- भैंस
का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल घूमे- एस.एम.एस. पा पा के
झूमे
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे- कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
भैंस कभी
सिगरेट ना पीती- भैंस बिना दारू के जीती
भैंस कभी ना पान चबाये - ना ही
इसको ड्रग्स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी- भैंस हमारी कितनी प्यारी
अकलमन्द
को कोई ना जाने- भैंस को सारा जग पहचाने
जाकी अकल मे गोबर होये- सो
इन्सान पटक सर रोये
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस
FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
for free advertisement www.pathakadvertisement.blogspot.com
Subscribe to:
Posts (Atom)