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दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास कभी तो बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है खुदा की कसम
जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी.
कोशिश कीजिए हमें याद करने की
लम्हे तो अपने आप ही मिल जायेंगे
तमन्ना कीजिए हमें मिलने की
बहाने तो अपने आप ही मिल जायेंगे .
महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती
इश्क से ज़िन्दगी ख़तम नहीं होती
अगर साथ हो ज़िन्दगी में अच्छे दोस्त का
तो ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं होती
सितारों के बीच से चुराया है आपको
दिल से अपना दोस्त बनाया है आपको
इस दिल का ख्याल रखना
क्योंकि इस दिल के कोने में बसाया है आपको .
अपनी ज़िन्दगी में मुझे शरिख समझना
कोई गम आये तो करीब समझना
दे देंगे मुस्कराहट आंसुओं के बदले
मगर हजारों दोस्तो में अज़ीज़ समझना ..
हर दुआ काबुल नहीं होती ,
हर आरजू पूरी नहीं होती ,
जिन्हें आप जैसे दोस्त का साथ मिले ,
उनके लिए धड़कने भी जरुरी नहीं होती
Thursday, February 25, 2010
Wednesday, February 24, 2010
माना दोस्ती का रीश्ता खून का नही होता
माना दोस्ती का रीश्ता खून का नही होता
लेकीन खुन के रीश्ते से कम भी नही होता
दोस्ती मे एक बात मुझे समझ नही आती है
दोस्त मे लाख बुराई हो उसमे अच्छाई ही क्यु नजर आती है
दोस्त बीठाता है आपको सर आखो पर
आपकी सारी परेशानी लेता है अपने उपर
आप की गलती सारी दुनीयासे चुपाता है
खुद के अच्छे कामो का शेर्य भी आपही को देता है
दोस्त होता है ऐसे
दीयो के लीये बाती जैसे
अन्धो के लीये लाठी जैसे
प्यासे के लीये पानी जैसे
बच्चे के लीये नानी जैसे
दीयो के लीये बाती जैसे
लेखक के लीये कलम जैसे
बीमार के लीये मलम जैसे
कुभार के लीये माती जैसे
कीसान के लीये खेती जैसे
भ्कत के लीये वरदान जैसे
मरने वाले के लीये जीवनदान जैसे
अन्त मे आप से एक ही बात है कहना
दोस्त को बुरा लगे ऐसा कोई काम ना करना
खुद भी खुश रहना और दोस्तो को भी रखना
चाहे कीतनी भी बडी मुशकील हो दोस्त का साथ ना छोडना
जाते जाते मेरी एक बीन्ती है आप से
अपने प्यारे दोस्त को ये कवीता जरुर सुनाना
मैने तो मेरा फ़र्ज नीभाया
अब आप्को है अपना नीभाना
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लेकीन खुन के रीश्ते से कम भी नही होता
दोस्ती मे एक बात मुझे समझ नही आती है
दोस्त मे लाख बुराई हो उसमे अच्छाई ही क्यु नजर आती है
दोस्त बीठाता है आपको सर आखो पर
आपकी सारी परेशानी लेता है अपने उपर
आप की गलती सारी दुनीयासे चुपाता है
खुद के अच्छे कामो का शेर्य भी आपही को देता है
दोस्त होता है ऐसे
दीयो के लीये बाती जैसे
अन्धो के लीये लाठी जैसे
प्यासे के लीये पानी जैसे
बच्चे के लीये नानी जैसे
दीयो के लीये बाती जैसे
लेखक के लीये कलम जैसे
बीमार के लीये मलम जैसे
कुभार के लीये माती जैसे
कीसान के लीये खेती जैसे
भ्कत के लीये वरदान जैसे
मरने वाले के लीये जीवनदान जैसे
अन्त मे आप से एक ही बात है कहना
दोस्त को बुरा लगे ऐसा कोई काम ना करना
खुद भी खुश रहना और दोस्तो को भी रखना
चाहे कीतनी भी बडी मुशकील हो दोस्त का साथ ना छोडना
जाते जाते मेरी एक बीन्ती है आप से
अपने प्यारे दोस्त को ये कवीता जरुर सुनाना
मैने तो मेरा फ़र्ज नीभाया
अब आप्को है अपना नीभाना
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Monday, February 22, 2010
मत इंतज़ार कराओ हमे इतना
मत इंतज़ार कराओ हमे इतना
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या
पता कल तुम लौटकर आओ
और हम खामोश हो जाएँ
दूरियों से फर्क पड़ता
नहीं
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो
से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है
दिल से खेलना हमे
आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत
प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए
मना लूँगा आपको
रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी
नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।
लोग मोहब्बत को खुदा का
नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया
नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है
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कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या
पता कल तुम लौटकर आओ
और हम खामोश हो जाएँ
दूरियों से फर्क पड़ता
नहीं
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो
से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है
दिल से खेलना हमे
आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत
प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए
मना लूँगा आपको
रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी
नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।
लोग मोहब्बत को खुदा का
नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया
नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है
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Sunday, February 21, 2010
कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ
कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ
या दिल का सारा प्यार लिखूँ ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
कुछ अपनो के ज़ाज़बात लिखू या सापनो की सौगात लिखूँ ॰॰॰॰॰॰
मै खिलता सुरज आज लिखू या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ ॰॰॰॰॰॰
वो डूबते सुरज को देखूँ या उगते फूल की सान्स लिखूँ
वो पल मे बीते साल लिखू या सादियो लम्बी रात लिखूँ
मै तुमको अपने पास लिखू या दूरी का ऐहसास लिखूँ
मै अन्धे के दिन मै झाँकू या आँन्खो की मै रात लिखूँ
मीरा की पायल को सुन लुँ या गौतम की मुस्कान लिखूँ
बचपन मे बच्चौ से खेलूँ या जीवन की ढलती शाम लिखूँ
सागर सा गहरा हो जाॐ या अम्बर का विस्तार लिखूँ
वो पहली -पाहली प्यास लिखूँ या निश्छल पहला प्यार लिखूँ
सावन कि बारिश मेँ भीगूँ या आन्खो की मै बरसात लिखूँ
गीता का अॅजुन हो जाॐ या लकां रावन राम लिखूँ॰॰॰॰॰
मै हिन्दू मुस्लिम हो जाॐ या बेबस ईन्सान लिखूँ॰॰॰॰॰
मै ऎक ही मजहब को जी लुँ ॰॰॰या मजहब की आन्खे चार लिखूँ॰॰॰
कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ
from :
narender singh
या दिल का सारा प्यार लिखूँ
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या दिल का सारा प्यार लिखूँ ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
कुछ अपनो के ज़ाज़बात लिखू या सापनो की सौगात लिखूँ ॰॰॰॰॰॰
मै खिलता सुरज आज लिखू या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ ॰॰॰॰॰॰
वो डूबते सुरज को देखूँ या उगते फूल की सान्स लिखूँ
वो पल मे बीते साल लिखू या सादियो लम्बी रात लिखूँ
मै तुमको अपने पास लिखू या दूरी का ऐहसास लिखूँ
मै अन्धे के दिन मै झाँकू या आँन्खो की मै रात लिखूँ
मीरा की पायल को सुन लुँ या गौतम की मुस्कान लिखूँ
बचपन मे बच्चौ से खेलूँ या जीवन की ढलती शाम लिखूँ
सागर सा गहरा हो जाॐ या अम्बर का विस्तार लिखूँ
वो पहली -पाहली प्यास लिखूँ या निश्छल पहला प्यार लिखूँ
सावन कि बारिश मेँ भीगूँ या आन्खो की मै बरसात लिखूँ
गीता का अॅजुन हो जाॐ या लकां रावन राम लिखूँ॰॰॰॰॰
मै हिन्दू मुस्लिम हो जाॐ या बेबस ईन्सान लिखूँ॰॰॰॰॰
मै ऎक ही मजहब को जी लुँ ॰॰॰या मजहब की आन्खे चार लिखूँ॰॰॰
कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ
from :
narender singh
या दिल का सारा प्यार लिखूँ
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Wednesday, February 17, 2010
BILL GATES
DAD - i want u to marry the girl of my choice
SON - no
DAD - but she is Bill Gates daughter
SON - then its ok
dad goes to BILL GATES
DAD- i hav a husband for ur daughter
BILL GATES - my daughter is too young to marry
DAD - but my son is vice president of the world bank
BILL GATES - then its good . ok
dad goes to president of the world bank
Dad - appoint my son as vice president in ur bank
President - no!!!!
Dad - but he is son in law of Bll Gates
President - then ok!!!!!!!!!!!!
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SON - no
DAD - but she is Bill Gates daughter
SON - then its ok
dad goes to BILL GATES
DAD- i hav a husband for ur daughter
BILL GATES - my daughter is too young to marry
DAD - but my son is vice president of the world bank
BILL GATES - then its good . ok
dad goes to president of the world bank
Dad - appoint my son as vice president in ur bank
President - no!!!!
Dad - but he is son in law of Bll Gates
President - then ok!!!!!!!!!!!!
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BILL GATES,
BUSSINESS,
WORLD BANK
Tuesday, February 16, 2010
Ek ladki rozana burke main collage jati thi....
Ek ladki rozana burke main collage jati thi....
Ek ladka us ladki ko behad pyar karta tha..
Ladka rozana us ladki ko raste main jate hua cheda karta tha....
ladka ladki se kehta......E parda nashi ...parda hata aur apne husn ka jalwa
dikha..
Ladki uski baat ko sunti aur chupchap chali jati...
Ek din ladke ne raste me ladki ka haath pakadkar kaha...
Jaan ,janemaan, janejigar, jane tamanna..
agar tumne kal meri mohabbat ko kabul nahi kiya to main apni jaan de dunga.
Ladki muskurakar chali gayi..
Ladki 3 - 4 din tak collage nahi gayi
Bad main ladki ko pata chala ki ladke ne such me khudkhushi kar li hai..
Ladki roti huyi ladke ki KABR par gayi or apna nakab khol kar boli..
A mere gumnam aashiq dekh teri mehbooba aayi hai ji bhar ke uska didar kar le..
Tabhi KABR main se aawaz aati hai..
A khuda ye teri kaisi khudai hai,Aaj hum parde me hain aur wo benakab aayi ha
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dikha..
Ladki uski baat ko sunti aur chupchap chali jati...
Ek din ladke ne raste me ladki ka haath pakadkar kaha...
Jaan ,janemaan, janejigar, jane tamanna..
agar tumne kal meri mohabbat ko kabul nahi kiya to main apni jaan de dunga.
Ladki muskurakar chali gayi..
Ladki 3 - 4 din tak collage nahi gayi
Bad main ladki ko pata chala ki ladke ne such me khudkhushi kar li hai..
Ladki roti huyi ladke ki KABR par gayi or apna nakab khol kar boli..
A mere gumnam aashiq dekh teri mehbooba aayi hai ji bhar ke uska didar kar le..
Tabhi KABR main se aawaz aati hai..
A khuda ye teri kaisi khudai hai,Aaj hum parde me hain aur wo benakab aayi ha
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shayeri
मुस्कुराकर गम का जहर जिसको पीना आ गया,
मुस्कुराकर गम का जहर जिसको पीना आ गया,
ये हकीकत है जहाँ मैं उसको जीना आ गया
इतने दोस्तो मे भी एक दोस्त की तलाश है मुझे
इतने अपनो मे भी एक अपने की प्यास है मुझे
छोड आता है हर कोइ समन्दर के बीच मुझे
अब डूब रहा हु तो एक साहिल की तलाश है मुझे
लडना चाहता हु इन अन्धेरो के गमो से
बस एक शमा के उजाले की तलाश है मुझे
तग आ चुका हु इस बेवक्त की मौत से मै
अब एक हसीन जिंदगी की तलाश है मुझे
दीवना हु मै सब यही कह कर सताते है मुझे
जो मुझे समझ सके उस शख्श की तलाश है मुझे
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ये हकीकत है जहाँ मैं उसको जीना आ गया
इतने दोस्तो मे भी एक दोस्त की तलाश है मुझे
इतने अपनो मे भी एक अपने की प्यास है मुझे
छोड आता है हर कोइ समन्दर के बीच मुझे
अब डूब रहा हु तो एक साहिल की तलाश है मुझे
लडना चाहता हु इन अन्धेरो के गमो से
बस एक शमा के उजाले की तलाश है मुझे
तग आ चुका हु इस बेवक्त की मौत से मै
अब एक हसीन जिंदगी की तलाश है मुझे
दीवना हु मै सब यही कह कर सताते है मुझे
जो मुझे समझ सके उस शख्श की तलाश है मुझे
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shayeri
Monday, February 15, 2010
खूबसूरत है वो
खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए,
खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए,
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समज जाए,
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो जाए,
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से, कहानियाँ,
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए,
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए,
खूबसूरत है वो सोच जिस मैं किसी कि सारी ख़ुशी झुप जाए,
खूबसूरत है वो दामन जो दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए,
खूबसूरत है वो किसी के आँखों के आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जा
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खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए,
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समज जाए,
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो जाए,
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से, कहानियाँ,
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए,
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए,
खूबसूरत है वो सोच जिस मैं किसी कि सारी ख़ुशी झुप जाए,
खूबसूरत है वो दामन जो दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए,
खूबसूरत है वो किसी के आँखों के आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जा
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Wednesday, February 10, 2010
गम को करो Delete,
गम को करो Delete,
ख़ुशी को करो Save,
रिश्तों को करो Recharge,
दोस्ती को करो Download,
दुश्मनी को करो Erase,
सच को करो Broadcast,
झूठ को करो Switch Off,
Tension को करो Not Reachable,
प्यार को करो Incoming on,
नफरत को करो Outgoing Off,
Language करो Control,
हंसी को करो Outbox Full,
आंसू को करो Inbox Empty,
गुस्से को करो Hold,
मुस्कान को करो Sent,
Help को करो OK,
Self को करो Autolock,
दिल को करो Vibrate,
फिर देखो Life की Ringtone
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ख़ुशी को करो Save,
रिश्तों को करो Recharge,
दोस्ती को करो Download,
दुश्मनी को करो Erase,
सच को करो Broadcast,
झूठ को करो Switch Off,
Tension को करो Not Reachable,
प्यार को करो Incoming on,
नफरत को करो Outgoing Off,
Language करो Control,
हंसी को करो Outbox Full,
आंसू को करो Inbox Empty,
गुस्से को करो Hold,
मुस्कान को करो Sent,
Help को करो OK,
Self को करो Autolock,
दिल को करो Vibrate,
फिर देखो Life की Ringtone
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Tuesday, February 9, 2010
Har gam ki dawa hai - dost
1. Har gam ki dawa hai - dosti
2. bhatko ke liye raasta hai - dosti
3.duniya ki bahar hai - dosti
4.chehre ka nikhar hai - dosti
5.zindagi ka khubsurat lamha hai - dosti
6.sitaro ki chamak se zada chamakdar hai - dosti
Isliye to kehte hai ke duniya me har cheez se zada bemesal hai ----- DOSTI
DOSTI
- KAHO TO EK LAFZ
-MANO TO BANDGI
-SOCHO TO GEHRA SAGAR
-DUBO TO ZINDAGI
-KARO TO AASAN
-NIBHAO TO MUSHKIL
-BIKHRE TO SARA ZAMANA
-SIMTE TO SIRF HUM TUM.
* zindagi se badkar yeh dosti,
har khushi se badkar yeh dosti,
hum kya kahe ki kya hai yeh dosti,
hum rahe na rahe par rahegi yeh dosti.*
* FURSAT kise hai rootne manane ki,
NIGAHE badal gai apne aur begane ki,
TUM na chodna hath dosti ka,
WARNA tamanna na rahegi dost banane
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2. bhatko ke liye raasta hai - dosti
3.duniya ki bahar hai - dosti
4.chehre ka nikhar hai - dosti
5.zindagi ka khubsurat lamha hai - dosti
6.sitaro ki chamak se zada chamakdar hai - dosti
Isliye to kehte hai ke duniya me har cheez se zada bemesal hai ----- DOSTI
DOSTI
- KAHO TO EK LAFZ
-MANO TO BANDGI
-SOCHO TO GEHRA SAGAR
-DUBO TO ZINDAGI
-KARO TO AASAN
-NIBHAO TO MUSHKIL
-BIKHRE TO SARA ZAMANA
-SIMTE TO SIRF HUM TUM.
* zindagi se badkar yeh dosti,
har khushi se badkar yeh dosti,
hum kya kahe ki kya hai yeh dosti,
hum rahe na rahe par rahegi yeh dosti.*
* FURSAT kise hai rootne manane ki,
NIGAHE badal gai apne aur begane ki,
TUM na chodna hath dosti ka,
WARNA tamanna na rahegi dost banane
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Monday, February 8, 2010
REALLY INTERESTING
REALLY INTERESTING
Two men, both seriously ill, occupied the same hospital room.
One man was allowed to sit up in his bed for an hour each afternoon
to help drain the fluid from his lungs. His bed was next to the
room's only window.
The other man had to spend all his time flat on his back.
The men talked for hours on end.
They spoke of their wives and families, their homes, their jobs,
their involvement in the military service, where they had been on
vacation.
Every afternoon when the man in the bed by the window could sit up,
he would pass the time by describing to his roommate all the things
he could see outside the window.
The man in the other bed began to live for those one-hour periods
where his world would be broadened and enlivened by all the activity
and color of the world outside.
The window overlooked a park with a lovely lake.
Ducks and swans played on the water while children sailed their model
boats.
Young lovers walked arm in arm amidst flowers of every color and a
fine view of the city skyline could be seen in the distance.
As the man by the window described all this in exquisite detail, the
man on the other side of the room would close his eyes and imagine
the picturesque scene.
One warm afternoon the man by the window described a parade passing
by.
Although the other man couldn't hear the band - he could see it. In
his mind's eye as the gentleman by the window portrayed it with
descriptive words. Days and weeks passed.
One morning, the day nurse arrived to bring water for their baths
only to find the lifeless body of the man by the window, who had
died peacefully in his sleep. She was saddened and called the
hospital attendants to take the body away.
As soon as it seemed appropriate, the other man asked if he could be
moved next to the window.
The nurse was happy to make the switch, and after making sure he was
comfortable, she left him alone.
Slowly, painfully, he propped himself up on one elbow to take his
first look at the real world outside.
He strained to slowly turn to look out the window beside the bed.
It faced a blank wall. The man asked the nurse what could have
compelled his deceased roommate who had described such wonderful
things outside this window.
The nurse responded that the man was blind and could not even see the
wall.
She said, "Perhaps he just wanted to encourage you."
Epilogue:
"There is tremendous happiness in making others happy, despite our own situations"
"Shared grief is half the sorrow, but happiness when shared, is doubled"
"If you want to feel rich, just count all the things you have that money can't buy"
"Today is a gift, that's why it is called the present." the origin of this letter is unknown, but it brings good luck to everyone who passes it on.
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Two men, both seriously ill, occupied the same hospital room.
One man was allowed to sit up in his bed for an hour each afternoon
to help drain the fluid from his lungs. His bed was next to the
room's only window.
The other man had to spend all his time flat on his back.
The men talked for hours on end.
They spoke of their wives and families, their homes, their jobs,
their involvement in the military service, where they had been on
vacation.
Every afternoon when the man in the bed by the window could sit up,
he would pass the time by describing to his roommate all the things
he could see outside the window.
The man in the other bed began to live for those one-hour periods
where his world would be broadened and enlivened by all the activity
and color of the world outside.
The window overlooked a park with a lovely lake.
Ducks and swans played on the water while children sailed their model
boats.
Young lovers walked arm in arm amidst flowers of every color and a
fine view of the city skyline could be seen in the distance.
As the man by the window described all this in exquisite detail, the
man on the other side of the room would close his eyes and imagine
the picturesque scene.
One warm afternoon the man by the window described a parade passing
by.
Although the other man couldn't hear the band - he could see it. In
his mind's eye as the gentleman by the window portrayed it with
descriptive words. Days and weeks passed.
One morning, the day nurse arrived to bring water for their baths
only to find the lifeless body of the man by the window, who had
died peacefully in his sleep. She was saddened and called the
hospital attendants to take the body away.
As soon as it seemed appropriate, the other man asked if he could be
moved next to the window.
The nurse was happy to make the switch, and after making sure he was
comfortable, she left him alone.
Slowly, painfully, he propped himself up on one elbow to take his
first look at the real world outside.
He strained to slowly turn to look out the window beside the bed.
It faced a blank wall. The man asked the nurse what could have
compelled his deceased roommate who had described such wonderful
things outside this window.
The nurse responded that the man was blind and could not even see the
wall.
She said, "Perhaps he just wanted to encourage you."
Epilogue:
"There is tremendous happiness in making others happy, despite our own situations"
"Shared grief is half the sorrow, but happiness when shared, is doubled"
"If you want to feel rich, just count all the things you have that money can't buy"
"Today is a gift, that's why it is called the present." the origin of this letter is unknown, but it brings good luck to everyone who passes it on.
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success
Wednesday, February 3, 2010
Khushi bhi doston se hai
Khushi bhi doston se hai
Gam bhi doston se hai
Takraar bhi doston se hai
Pyar bhi doston se hai
Roothna bhi doston se hai
Manana bhi doston se hai
Baat bhi doston se hai
Misaal bhi doston se hai
Nasha bhi doston se hai
Shaam bhi doston se hai
Zindagi ki shuruvaat bhi doston se hai
Zindagi main mulakaat bhi doston se hai
Mohabbat bhi doston se hai
Inaayat bhi doston se hai
Kaam bhi doston se hai
Naam bhi doston se hai
Khyal bhi doston se hai
Armaan bhi doston se hai
Khvab bhi doston se hai
Maahol bhi doston se hai
Yaadein bhi doston se hai
Mulakaatein bhi doston se hai
Sapne bhi doston se hain
Apne bhi doston se hai
Ya yoon kahoon yaro
Apni to duniya hi doston se hai........
send by :kn jamsedpur
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Gam bhi doston se hai
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Manana bhi doston se hai
Baat bhi doston se hai
Misaal bhi doston se hai
Nasha bhi doston se hai
Shaam bhi doston se hai
Zindagi ki shuruvaat bhi doston se hai
Zindagi main mulakaat bhi doston se hai
Mohabbat bhi doston se hai
Inaayat bhi doston se hai
Kaam bhi doston se hai
Naam bhi doston se hai
Khyal bhi doston se hai
Armaan bhi doston se hai
Khvab bhi doston se hai
Maahol bhi doston se hai
Yaadein bhi doston se hai
Mulakaatein bhi doston se hai
Sapne bhi doston se hain
Apne bhi doston se hai
Ya yoon kahoon yaro
Apni to duniya hi doston se hai........
send by :kn jamsedpur
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shayeri
koi aansu mere daman pay gira kar to dekho,
koi aansu mere daman pay gira kar to dekho,
main pathar nahi hoon mujhay chuu kar to dekho......
tere qadmon ki aahat say dharkta hai dil,
main zinda hoon kabhi mujhay hila kar to dekho....... .
phool bankay bichh jaounga tumhari rahhon main,
ek baar mujhay seenay say laga kar to dekho......
bhool jaogi tum dunia bhar ki ronakon ko,
kabhi mere soonay ghar main aa kar to dekho......
mehak utthogi tum gulaab ki tarha dekhna,
kisi roz mujhay apnay tan say laga kar to dekho.....
ho jaogi tum komal say pawan or nirmal,
kabhi mere aasuon main naha kar to dekho.......
door kar doonga main andhray teri zindagi kay,
diye ki tarha kabhi mujhay jala kar to dekho......
send by: ishan
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kabhi mere soonay ghar main aa kar to dekho......
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shayri
Tuesday, February 2, 2010
sitaron ko aankhon
sitaron ko aankhon me mehfooz kar lo bahut door tak raat hi raat hogi , musafir hain hum bhi musafir ho tum bhi na jane phir kis mod par mulakat hogi
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ashu from nagpur (maharashtra)
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shayeri
नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना
नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना,
अगर काम पड़े तो याद करना,
मुझे तो आदत है आपको याद करने की,
अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......
ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है
कभी दूर तो कभी क़रीब होते है
दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है
और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है .......
एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर.........
ख़ामोशियों की वो धीमी सी आवाज़ है ,
तन्हाइयों मे वो एक गहरा राज़ है ,
मिलते नही है सबको ऐसे दोस्त ,
आप जो मिले हो हमे ख़ुद पे नाज़ है
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अगर काम पड़े तो याद करना,
मुझे तो आदत है आपको याद करने की,
अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......
ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है
कभी दूर तो कभी क़रीब होते है
दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है
और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है .......
एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर.........
ख़ामोशियों की वो धीमी सी आवाज़ है ,
तन्हाइयों मे वो एक गहरा राज़ है ,
मिलते नही है सबको ऐसे दोस्त ,
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shayeri
दोस्ती शायद ज़िंदगी होती है
दोस्ती शायद ज़िंदगी होती है
जो हर दिल में बसी होती है
वैसे तो जी लेते है सभी अकेले मगर,
फिर भी ज़रूरत इनकी हैर किसी को होती है
तन्हा हो कभी तो मुझको ढुँदना
दुनिया से नही अपने दिल से पूछना,
आस पास ही कही बसे रहते है हूँ,
यादों से नही साथ गुज़रे लम्हो से पूछना..!!
ख़वाईश ही नही अल्फ़ाज़ की,
चाहत को तो ज़रूरत है बस एहसास की,
पास होते तो मंज़र ही क्या होता,
दूर से ख़बर है हुमए आपकी हर साँस की..!!
दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते है
कतल कर दे वो नज़र हम भी रखते है
आपसे वादा है हुमारा हमेशा मुस्कराने का,
वरना आँखो में समुंदर हम भी रखते है
प्यार आ जाता है आँखों में रोने से पहले,
हर ख़वाब टूट जाता है सोने से पहले, FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
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जो हर दिल में बसी होती है
वैसे तो जी लेते है सभी अकेले मगर,
फिर भी ज़रूरत इनकी हैर किसी को होती है
तन्हा हो कभी तो मुझको ढुँदना
दुनिया से नही अपने दिल से पूछना,
आस पास ही कही बसे रहते है हूँ,
यादों से नही साथ गुज़रे लम्हो से पूछना..!!
ख़वाईश ही नही अल्फ़ाज़ की,
चाहत को तो ज़रूरत है बस एहसास की,
पास होते तो मंज़र ही क्या होता,
दूर से ख़बर है हुमए आपकी हर साँस की..!!
दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते है
कतल कर दे वो नज़र हम भी रखते है
आपसे वादा है हुमारा हमेशा मुस्कराने का,
वरना आँखो में समुंदर हम भी रखते है
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shayri
ख्वाब मुझे पसंद नहीं,
फूल मुझे पसंद नहीं,
मै कांटो का दीवाना हू!
मै जलने वाली आग नहीं,
जल जाने वाला परवना हु!
ख्वाब मुझे पसंद नहीं,
मै हकीकत का आशियाना हु!
मै मीटने वाली हसरत नहीं,
जीने वाला अफसाना हु!
मै थमने वाला वक़्त नहीं,
न छु पाने वाला कीनारा हु!
मै रूकने वाली सांस नहीं,
सदा दील मे धडकने वाला सहारा हु!...नीगाहे बचाकर जो चलते है हमसे ,
कभी उनको हमसे मोहोब्बत हुई थी
जो महबूब से अजनबी हो गए है
कभी उनको हमसे मोहोब्बत हुई थी...तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है.
जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो,
तुझे अब अपने दील का हाल बताना भी मुश्किल है,
उदासी तेरे चहरे पे गवारा भी नहीं लेकीन,
तेरी खातीर सीतारे तोड़ कर लाना भी मुश्कील है,
यहाँ लोगों ने खुद पे परदे इतने डाल रखे हैं,
कीस के दील में क्या है नज़र आना भी मुश्कील है,
तुझे जींदगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्कील है...!!!
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ख्वाब मुझे पसंद नहीं,
मै हकीकत का आशियाना हु!
मै मीटने वाली हसरत नहीं,
जीने वाला अफसाना हु!
मै थमने वाला वक़्त नहीं,
न छु पाने वाला कीनारा हु!
मै रूकने वाली सांस नहीं,
सदा दील मे धडकने वाला सहारा हु!...नीगाहे बचाकर जो चलते है हमसे ,
कभी उनको हमसे मोहोब्बत हुई थी
जो महबूब से अजनबी हो गए है
कभी उनको हमसे मोहोब्बत हुई थी...तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है.
जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो,
तुझे अब अपने दील का हाल बताना भी मुश्किल है,
उदासी तेरे चहरे पे गवारा भी नहीं लेकीन,
तेरी खातीर सीतारे तोड़ कर लाना भी मुश्कील है,
यहाँ लोगों ने खुद पे परदे इतने डाल रखे हैं,
कीस के दील में क्या है नज़र आना भी मुश्कील है,
तुझे जींदगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्कील है...!!!
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shayeri
Monday, February 1, 2010
खुशी भी दोस्तो से है,
खुशी भी दोस्तो से है,
गम भी दोस्तो से है,
तकरार भी दोस्तो से है,
प्यार भी दोस्तो से है,
रुठना भी दोस्तो से है,
मनाना भी दोस्तो से है,
बात भी दोस्तो से है,
मिसाल भी दोस्तो से है,
नशा भी दोस्तो से है,
शाम भी दोस्तो से है,
जिन्दगी की शुरुआत भी दोस्तो से है,
जिन्दगी मे मुलाकात भी दोस्तो से है,
मौहब्बत भी दोस्तो से है,
इनायत भी दोस्तो से है,
काम भी दोस्तो से है,
नाम भी दोस्तो से है,
ख्याल भी दोस्तो से है,
अरमान भी दोस्तो से है,
ख्वाब भी दोस्तो से है,
माहौल भी दोस्तो से है,
यादे भी दोस्तो से है,
मुलाकाते भी दोस्तो से है,
सपने भी दोस्तो से है,
अपने भी दोस्तो से है,
या यूं कहो यारो,
अपनी तो दुनिया ही दोस्तो से है.....
मुझे तो आदत है आपको याद करने की,
अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......
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गम भी दोस्तो से है,
तकरार भी दोस्तो से है,
प्यार भी दोस्तो से है,
रुठना भी दोस्तो से है,
मनाना भी दोस्तो से है,
बात भी दोस्तो से है,
मिसाल भी दोस्तो से है,
नशा भी दोस्तो से है,
शाम भी दोस्तो से है,
जिन्दगी की शुरुआत भी दोस्तो से है,
जिन्दगी मे मुलाकात भी दोस्तो से है,
मौहब्बत भी दोस्तो से है,
इनायत भी दोस्तो से है,
काम भी दोस्तो से है,
नाम भी दोस्तो से है,
ख्याल भी दोस्तो से है,
अरमान भी दोस्तो से है,
ख्वाब भी दोस्तो से है,
माहौल भी दोस्तो से है,
यादे भी दोस्तो से है,
मुलाकाते भी दोस्तो से है,
सपने भी दोस्तो से है,
अपने भी दोस्तो से है,
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