Monday, February 22, 2010

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या
पता कल तुम लौटकर आओ
और हम खामोश हो जाएँ

दूरियों से फर्क पड़ता
नहीं
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो
से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है

दिल से खेलना हमे
आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत
प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए

मना लूँगा आपको
रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी
नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।

लोग मोहब्बत को खुदा का
नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया
नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है

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