Tuesday, February 2, 2010

sitaron ko aankhon

sitaron ko aankhon me mehfooz kar lo bahut door tak raat hi raat hogi , musafir hain hum bhi musafir ho tum bhi na jane phir kis mod par mulakat hogi
send by:
ashu from nagpur (maharashtra)

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नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना

नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना,
अगर काम पड़े तो याद करना,
मुझे तो आदत है आपको याद करने की,
अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......
ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है
कभी दूर तो कभी क़रीब होते है
दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है
और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है .......
एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर.........
ख़ामोशियों की वो धीमी सी आवाज़ है ,
तन्हाइयों मे वो एक गहरा राज़ है ,
मिलते नही है सबको ऐसे दोस्त ,
आप जो मिले हो हमे ख़ुद पे नाज़ है


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दोस्ती शायद ज़िंदगी होती है

दोस्ती शायद ज़िंदगी होती है
जो हर दिल में बसी होती है
वैसे तो जी लेते है सभी अकेले मगर,
फिर भी ज़रूरत इनकी हैर किसी को होती है
तन्हा हो कभी तो मुझको ढुँदना
दुनिया से नही अपने दिल से पूछना,
आस पास ही कही बसे रहते है हूँ,
यादों से नही साथ गुज़रे लम्हो से पूछना..!!
ख़वाईश ही नही अल्फ़ाज़ की,
चाहत को तो ज़रूरत है बस एहसास की,
पास होते तो मंज़र ही क्या होता,
दूर से ख़बर है हुमए आपकी हर साँस की..!!
दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते है
कतल कर दे वो नज़र हम भी रखते है
आपसे वादा है हुमारा हमेशा मुस्कराने का,
वरना आँखो में समुंदर हम भी रखते है
प्यार आ जाता है आँखों में रोने से पहले,
हर ख़वाब टूट जाता है सोने से पहले, FOR DETAIL www.uniqueinstitutes.org ,FOR JOB www.uniqueinstitutes.blogspot.com
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ख्वाब मुझे पसंद नहीं,

फूल मुझे पसंद नहीं,
मै कांटो का दीवाना हू!
मै जलने वाली आग नहीं,
जल जाने वाला परवना हु!
ख्वाब मुझे पसंद नहीं,
मै हकीकत का आशियाना हु!
मै मीटने वाली हसरत नहीं,
जीने वाला अफसाना हु!
मै थमने वाला वक़्त नहीं,
न छु पाने वाला कीनारा हु!
मै रूकने वाली सांस नहीं,
सदा दील मे धडकने वाला सहारा हु!...नीगाहे बचाकर जो चलते है हमसे ,
कभी उनको हमसे मोहोब्बत हुई थी
जो महबूब से अजनबी हो गए है
कभी उनको हमसे मोहोब्बत हुई थी...तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है.
जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो,
तुझे अब अपने दील का हाल बताना भी मुश्किल है,
उदासी तेरे चहरे पे गवारा भी नहीं लेकीन,
तेरी खातीर सीतारे तोड़ कर लाना भी मुश्कील है,
यहाँ लोगों ने खुद पे परदे इतने डाल रखे हैं,
कीस के दील में क्या है नज़र आना भी मुश्कील है,
तुझे जींदगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्कील है...!!!

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